अंज़ाम की फ़िक्र, आगाज़ का डर. कशमकश ज़िंदगी की, न इधर जाए न उधर. © नीतीश तिवारी
Read moreIt may be true, That I won't get you. But it's also true, That I love you. With the anger voice, For the other's choic…
Read moreसवाँरु तेरी पलकों से कोई ख्वाब मैं, अंधेरों में खो जाऊं बनके कोई जवाब मैं, गुज़ारा नही होता तेरी यादों के बिना, किस-किस तरह दूँ प…
Read moreयहाँ हर दिया बुझने पर मजबूर है, और तुम रौशनी की दरकार करते हो, खुदा के कैसे बंदे हो तुम जो, हर सहरी पर इफ्तार करते हो. वो वक़्त भी गु…
Read moreजब कभी दिल घबराए, जब कभी रोना आए, जब कभी नींद ना आए, तो माँ ही लोरी सुनाए. जगत का पालनहार है तू, सबके दिलों का प्यार है तू, स…
Read more
Connect With Me