मैं किसी के साँसों का तलबगार नही होता, मैं किसी के मोहब्बत में बीमार नही होता, यह सोचकर की मेरी ज़िंदगी बची है थोड़ी, मैं किसी के …
Read moreमुझको तेरी बातों से , अब तो डर नहीं लगता है , जब -जब बढ़ती ये तन्हाई , सब कुछ अच्छा लगता है. सब ने मुझको समझाया , इसके चक्कर में…
Read moreउस गुज़रे हुए लम्हे में जी रहा हूँ, जो तूने दिया दर्द वही सह रहा हूँ. ये कैसी जुदाई ये कैसा ज़माना, हक़ीकत में हो तुम या हो कोई फसा…
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